Hindi Geet.....Roj karo Chintan
रोज करो चिन्तन
रोज करो चिन्तन
क्या क्या पढ़ा गुना क्या क्या
इस पर कुछ करो मनन
रोज करो चिन्तन
रोज करो चिन्तन।
भूल न हो कोई तुमसे
इसका भी ध्यान रहे
मन में किसी भी मोह का
भी कुछ ना स्थान रहे
बैरागी पर रहता है
आपने स्वरूप का धन।
रोज करो चिन्तन
रोज करो चिन्तन
कहा बाबा ने जो करना
कुछ नहीं छुपना है
उसके जैसा प्यार का सागर
बस बन जाना है
निर्मोही रहने का अपनाना
तुम सदा चलन
रोज करो चिन्तन
रोज करो चिन्तन
शक्तिमान के पुत्र कभी ना
शक्तिहीन होते
सत्य रहे चेहरे पे दिव्यता
कभी ना खोट
बाबा का आशीर्वाद जगत में
सबसे बड़ा है धन
रोज करो चिन्तन
रोज करो चिन्तन
Lyrics by - Sushil sarit
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