सरस्वती माँ शारदे ,
वरदान हमको दीजिए
रात दिन हो स्मरण तेरा
ऐसी कृपा अब कीजिये। .
सरस्वती माँ........
मुर्ख हूँ नादान हूँ मैं ,
ध्यान से अनजान हूँ।
तेरी शरण में आ गया हूँ।
ज्ञान मुझको दीजिए।।
काव्य कौशल कुछ न जानु
मात तुझको अपना मानू।
पुत्र तेरा मानकर माँ।
काव्य शक्ति दीजिए।
सरस्वती माँ........
No comments:
Post a Comment