पिता परिवार का सदा ही सहारा है ,
जीवन सरिता की निर्मल धारा है।
पिता परिवार का सदा ही अनुशासन है ,
पिता पालन-पोषण प्रेम का अनुशासन है।
पिता रोटी, कपड़ा और मकान है,
अपने परिवार की अनोखी शान है।
पिता सुरक्षा है उनकी, जिनके सर पर हाथ है,
पिता न हो तो सबका बचपन अनाथ है।
घर का आकाश है पिता, घर का चिराग है,
पिता से ही माँ की बिंदी और अटल सुहाग है।
पिता से ही परिवार में प्रतिपल अनुराग है,
पिता से ही परिवार, एक खुशनुमा सा बाग है।
दुनिया में किसी देवता का स्थान दूजा है,
माँ-बाप की सेवा ही सब से बड़ी पूजा है।
माँ-बाप के आशीर्वाद के हज़ारों हाथ है,
वो भाग्शाली है माँ-बाप के जो साथ है।
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