1– ये जो आज है यही आज काल हो जाएगा।
जब काल हो जाएगा तो भूतकाल हो जाएगा।
हमलोग भविष्य की बातें किया करते हैं।
भविष्य की बाते न करे ।
भविष्य किसी ने देखा नहीं।
जो करना है कर लो आज नहीं काल आ जाएगा।
कल तो आता नहीं काल आ जाएगा।
2–हम लोग भविष्य के लिए कुछ काम किया करते हैं।
वर्तमान की इच्छाओं को कम करके इंतजाम किया करते हैं।
अगर आज अच्छा है तो कल तुम्हारा अच्छा ही रहेगा
कल की अगर सोचेंगे तो काल आ जाएगा।
जो करना है कर लो आज नहीं तो काल आ जाएगा
कल तो आता नहीं काल जाएगा।
3– बीज नफरत का जीवन में बोना नहीं ।
प्रेम सबसे करो पल में रोना नहीं।
जानता हूं चढ़ाई है कर्मों कि ये
आप चलते रहो ढाल आ जाएगा।
करना है जो करो आज ही तुम करो।
कल तो आता नहीं काल आ जाएगा ।
4–आजकल आजकल यह भी करना नहीं ।
कौन जाने कहां काल आ जाएगा।
हर सुबह की किरण देखते-देखते दोपहर आएगा शाम आ जाएगा।
एक-एक दिन महीने गुजरते रहे एक दिन फिर नया साल आ जाएगा ।
करना है जो करो आज ही तुम करो।
कल तो आता नहीं काल आ जाएगा।
ओम शांति*
रचनाकार– *सुरेश चंद्र केसरवानी*
( प्रयागराज शंकरगढ़)
मोबाइल नंबर –9919245170
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