Monday, November 17, 2025

*शीर्षक –कविता में कविता*


1– कविता मे कविता लिखी गई।

कविता में कविता पढ़ी गई।

कविता में कविता सुनी गई।

कविता ने कवि से बात कही।


2–ये कविता जिंदगी की हर घड़ी की राज है कविता।

ये कविता हर सुनहरी शाम की सरताज है कविता।

ये कविता आश है और पास है संन्यास है कविता।

ये कविता हर तड़पती आत्मा की प्यास है कविता।


3–ये कविता एक नदी की धार है और प्यार है कविता।

ये कविता एक उलझती नाव की मझधार है कविता।

ये कविता तार है विस्तार है सत्कार है कविता।

ये कविता एक छोटी सी कड़ी विस्तार है कविता।


4–ये कविता गीत है संगीत है एक छंद है कविता।

ये कविता राम की रामायण की एक अंग है कविता।

ये कविता जान है पहचान है एक शान है कविता।

ये कविता मुरलीधर की मुरली की पहचान है कविता।

 

5–ये कविता जो लिखा उस लेखनी की जान है कविता।

ये कविता मान मर्यादा का भी एक ध्यान है कविता। 

ये कविता मां बहन बेटी का भी एक नाम है कविता।

ये कविता के रचयिता के दिलों की प्राण है कविता।

ये कविता रेस है अवशेष है संदेश है कविता।

ये कविता आखिरी सांसों का भी एक शेष है कविता।

ये कविता ब्रह्मा भी है विष्णु है महेश है कविता।

एक कविता दिन दिवाकर दिनेश है और सुरेश है कविता।

 

        *ओम शांति* 

रचनाकार *–सुरेश चंद्र केशरवानी* 

(प्रयागराज शंकरगढ़)

मोबाइल नंबर –9919245170

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