*राष्ट्रीय गीत*
*शीर्षक –कुछ हमारा धरम है वतन के लिए।**
बोल – कर चले हम फिदा.......*
1–कुछ हमारा धरम है वतन के लिए।
कुछ हमारा करम है वतन के लिए।
जिंदगी है मिली इस वतन के लिए।
जिंदा रहना और मरना वतन के लिए।
कुछ हमारा धरम है वतन के लिए।
2–जन्म भारत में है तो हम हैं भारती।
अपनी मां की उतारे सदा आरती।
मां की ममता का भी ध्यान रखना हमें।
अपनी क्षमता का भी ध्यान रखना हमें।
जिंदगी है मिली इस वतन के लिए।
कुछ हमारा धरम है वतन के लिए।
3–उन शहीदों को दिल से नमन हम करें।
जिसने सीने पर खाई है वो गोलियां।
हंसते-हंसते लड़े हंसते-हंसते गए।
हंसते-हंसते दी सरहद पर कुर्बानियां।
उनका जीवन अमर है वतन के लिए।
जिंदा रहना और मरना वतन के लिए।
4–जिंदगी एक पल की अमानत यहां।
कौन कहता है ये मेरी जागीर है।
कौन सा पल है अंतिम किसे है पता।
कौन कहता है अपनी ये तकदीर है।
कुछ तो समझो जरा इस वतन के लिए।
जिंदा रहना और मरना वतन के लिए।
कुछ हमारा धरम है वतन के लिए।
कुछ हमारा करम है वतन के लिए।
*ओम शांति**
रचनाकार *–सुरेश चंद्र केशरवानी*
(प्रयागराज शंकरगढ़)
मोबाइल नंबर –9919245170
RJ Ramesh @RadioMadhuban | Inspiring Stories, Interviews & Ghazal Sessions Explore the inspiring journey of RJ Ramesh, the soulful voice behind Radio Madhuban 90.4 FM. Dive into heart-touching interviews, musical evenings, and stories from shows like 'Baatein Mulakatein' and 'Rubaroo'.
Wednesday, November 26, 2025
कुछ हमारा धरम है वतन के लिए।
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