Tuesday, December 16, 2025

नामी : शांति, शक्ति और संकल्प की कहानी


भोपाल—झीलों का शहर—यहीं रहती है नामी। एक सामान्य-सी दिखने वाली, पर भीतर से असाधारण कामकाजी महिला। आज वह नौकरी भी कर रही है, ऑनलाइन बिज़नेस भी संभाल रही है और परिवार को प्रेम से जोड़े हुए है। लेकिन यह यात्रा इतनी सहज नहीं थी।

एक समय था जब नामी घर पर ही रहती थी। उसका अधिक समय ब्रह्माकुमारीज़ के ज्ञान, मेडिटेशन और आत्मचिंतन में बीतता था। वह भीतर से शांत थी, पर बाहर की दुनिया को यह शांति “काम” नहीं लगती थी। एक दिन उसकी सास ने कटु शब्दों में कहा,
“तुम कुछ करती ही नहीं हो, बस बीके-ज्ञान, बीके-ज्ञान… इसका क्या उपयोग?”

ये शब्द नामी के दिल में गहरे उतर गए। वह जानती थी कि ज्ञान उसे अंदर से मजबूत बना रहा है, लेकिन वह यह भी समझ गई कि केवल भीतर की शक्ति काफी नहीं—उसे कर्म में भी लाना होगा।

उसी दिन उसने निर्णय लिया। शांति को शक्ति बनाकर आगे बढ़ने का।
नामी ने नौकरी शुरू की, साथ ही घर से ऑनलाइन बिज़नेस भी। शुरुआत आसान नहीं थी, पर धैर्य था, अभ्यास था और ऊपर वाले पर भरोसा था।

नामी अक्सर मुस्कुराकर कहती है,
“जब मैं ब्रह्माकुमारीज़ से जुड़ी, तो मुझे जीवन के सभी प्रश्नों के उत्तर मिले। एक अजीब-सी तृप्ति मिल गई—कंटेंटमेंट मिल गया।”

उसका पसंदीदा गीत जैसे उसके जीवन का मंत्र बन गया—
‘ये मत कहो खुदा से मेरी मुश्किलें बड़ी हैं,
मुश्किलों से कह दो मेरा खुदा बड़ा है।’

नामी का विश्वास है कि हर इंसान को जीवन के उत्तर मिल सकते हैं—बस थोड़ा धैर्य रखना पड़ता है।
वह कहती है,
“शांति का रास्ता इंतज़ार कर रहा है, और ईश्वर की कृपा पहले से ही आपके साथ है।”

भोपाल से उसका गहरा लगाव है—प्रकृति, वातावरण, इंसानियत—सब उसे प्रिय हैं। वह हर दिन एक ही प्रार्थना करती है,
“सबका कल्याण हो।”

आज नामी कई महिलाओं को प्रेरित करती है। वह कहती है कि आज के समय में घर से नौकरी, ऑनलाइन बिज़नेस या कॉल सेंटर का काम एक अच्छा विकल्प है—बस ज़रूरत है धैर्य, अभ्यास और सकारात्मक सोच की।

नामी की कहानी यही सिखाती है—
आध्यात्मिकता जीवन से भागना नहीं,
बल्कि जीवन को सुंदर ढंग से जीने की शक्ति है।

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