Monday, November 24, 2025

शीर्षक –ये आंसू गिरे न इसे थाम लेना।


1–ये आंसू गिरे न इसे थाम लेना।

ये आंसू के बदले प्रभु नाम लेना।

ये आंसू है हीरा इसे न गवाना।

ये नाटक की दुनिया से सबको है जाना।

किसी और का न तू दामन भिगोना।

ये आंसू के बदले प्रभु नाम लेना।


2–अमर आत्मा तन का कपड़ा है बदला

वो आएगी फिर से ये पिंजरा है बदला।

नहीं याद कुछ भी रहेगा जमाना।

किसी का यहां पे नहीं है ठिकाना।

ठिकाना जहां है उसी को पिरोना। 

ये आंसू के बदले प्रभु नाम लेना।


3–भले चाहे जितनी तू दौलत कमा ले।

ये बंगला और गाड़ी और शोहरत बना ले।

यही छोड़कर खाली हाथों हैं जाना।

नहीं काम आएगा कोई खजाना।

ये आंसू गिरे न इसे थाम लेना।

ये आंसू के बदले हरि नाम लेना।


4–ये आंसू है मोती सदा मुस्कुराना।

समय आ गया तो चले ना बहाना।

ये आना और जाना तो दुनिया का खेला।

नहीं यूं आप रोना ना सब को रुलाना।

ये आंसू गिरे न इसे थाम लेना।

ये आंसू के बदले प्रभु नाम लेना।


*ओम शांति** 

रचनाकार *–सुरेश चंद्र केशरवानी* 

(प्रयागराज शंकरगढ़)

मोबाइल नंबर –9919245170

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