Monday, March 25, 2013

पूजा और भरोसा

  " पूजा और भरोसा "       

              
  लक्ष्मी पूजा के काबिल तो है लेकिन भरोसे के काबिल कतई नहीं है 
लक्ष्मी की पूजा तो करना मगर लक्ष्मी पर भरोसा मत करना 
और   भगवान की पूजा भले ही मत करना लेकिन भगवान पर भरोसा हर हाल में रखना 
दुनिया में भरोसे के काबिल सिर्फ भगवान ही है 
लक्ष्मी का क्या भरोसा ? व़ह तो चंचला है 
आज यहाँ और कल वह़ा 
जिस-जिस ने भी इस पर भरोसा किया 
आखिर में वह रोया है  


Sunday, March 24, 2013

बुजुगॊ की संगति करो

 " बुजुगॊ की संगति करो "

बुजुगॊ के चेहरे की एक एक झुर्री पर हजारों अनुभव लिखे होते है 
उनके कांपते हुवे हाथ, हिलती हुई गर्दन,लड़खड़ाते हुवे कदम और 
मुरझाया हुवा चेहरा सन्देश देता है की जो भी शुभ करना है,वो 
आज, अभी और इसी वक्त कर लो 
कल कुछ नहीं कर पाऒगे 
बूढा इंसान इस धरती का 
सब से बड़ा सिक्षालय है क्यू की 
उसे देखकर उगते सूरज की 
डूबती कहानी का बोध होता है .
 (मुझे लगता है आप समझ गए होंगे पर कही कभी कभी ये वैसे नहीं होता जैसे लिखा है लेकिन कुछ मात्र कम जादा हो सकता है ,बीमारी या फिर सिक्षा और समझ और समाज से भी जुड़ा होता है )

Friday, March 22, 2013

मौत दो बातों पर हँसती है

मौत दो बातों पर हँसती है

हम अपने मौत को कभी कभी याद करते है
 और किसी के मौत पर बहुत दुखी भी होते है 
और कभी ऐसा भी होता है हम बिमार होते है 
तो डॉक्टर के पास जाते है और कुछ ऐसा भी होता है 
तो तब, डॉक्टर कहता है मरीज को की तुम निश्चिंत रहो में हु ना
और दूसरा जब किसी के मरने पर कोई आदमी कहता है "बेचारा चल बसा " 
और ये कहने वाला इस अंदाज़ में कहता है जैसे वह कभी नहीं मरेगा 
मौत उसके इस अंदाज़ पर हँसती है और कहती है; टीक है बच्चू ! 
तूने उसको "बेचारा" कहा तो अब तेरा ही नंबर है 
यहा कौन है ? जो मुत्यु की क्यू  में न खड़ा हो ?
और मुझे लगता है अगर हम रोज अपने मौत को याद कर ले 
तो कोई गलत कर्म हम से नहीं होगा 
सोचो दिल से .................

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Thursday, March 21, 2013

चलो चाँद को छु ले


असफल होकर व्यक्ति अपने रचयता याने ईश्वर की योजना ही नष्ट कर देता है 
यह पाप ही नहीं, इंसान को रचने वाले के प्रति विश्वासघात, 
उस का अपमान और उसके प्रेम के प्रति तिरस्कार भी है
 यदि यह सत्य व्यक्ति की समझ में आ जाए 
तो उसके जीवन में क्रांति आ जायेगी और उसके 
दुःख और कष्ट स्वयं दूर हो जायेंगे     



"Great Motivational Thoughts"

ज़िन्दगी के केवल चार दिन है 
और वे चार दिन भी दो आरजू और दो इंतजार में कट जाते है 
इस से आगे बढ़े तो इंसान की सिर्फ दो दिन की कुल ज़िन्दगी है 
और उन दो दिनों में एक दिन मौत का भी होता है 
अब बचा केवल एक दिन और पता नहीं,
 इस एक दिन की ज़िंदगी पर आदमी इतना क्यू अकड़ता है ?
 ज़िंदगी की हैसियत एक मुटठी  राख से ज्यादा कुछ भी नहीं है 
तो भाई अब ज़िंदगी जीयो ऐसे की ज़िन्दगी को एक नयी ज़िंदगी मिले 

Wednesday, March 20, 2013

Start the things which u love from Today

कविता , गीत , कहानिया  जिस भी तरह आपके जीवन में आये उसे समझे और सिख ले और अपने जीवन को एक नया रूप प्रधान करे पर आज बहुत लोग सुनते है पर उसे जीवन में लाये ये कम होता है…।
और हम और आप चलो आज से इस की सुरुवात करे 

माँ महात्मा और परमात्मा

माँ  महात्मा और परमात्मा 
ज़िन्दगी में  माँ ,महात्मा, परमात्मा  से  बढकर  और कुछ नहीं है ......
जीवन में तीन  आशीर्वाद बहुत जरुरी है 
१) बचपन में माँ का 
२) जवानी में महात्मा का 
३) बूढापे   में  परमात्मा  का 
इस तरह  माँ बचपन को  संभाल  लेती है  और जवानी में  नियत  बदले  या  बिगड़े  तो ...
उपदेश  देकर  महात्मा  सुधार  देता है  और  बूढापे  में  मौत बिगड़े  तो 
परमात्मा  संभल  लेता है ........इस लिए किसीने  टिक  कहा है 
माँ   महात्मा  और  परमात्मा  ही ज़िन्दगी  है ...
धर्म , पूरण  और इतिहास  में से अगर ये  तीन  शब्द  निकाल  दे तो वे 
महज  कागजों  के  पुलिंदे  मात्र  रह  जाते  है…