Tuesday, August 20, 2013

" सरलता "



सरलता एक ऐसा गुण है जो भी इसे अपनाते वो बहुत सुख का अनुभव करते है
सरल व्यक्ति हर कार्य को निमित बन कर करता है वो जो भी करता है उस के प्रति 
साक्षी रहता है कर्म और फल के बीच में वो जोड़ नहीं बनाता।
 वो तो कर्म बड़े आनंद के साथ करता लेकिन कर्म फल से उपराम रहता है
 और येही सरल व्यक्ति की खूबी है और जिनके पास सरलता का गुण है 
वो सब जगह टिक जाते और सब के साथ गुल मिल जाते है।

Monday, August 19, 2013

" रक्षाबंधन "

 


रक्षाबंधन का पर्व प्रत्येक भारतीय घर में उल्लासपूर्ण वातावरण से प्रारम्भ होता है। राखी, पर्व के दिन या एक दिन पूर्व ख़रीदी जाती है। पारम्परिक भोजन व व्यंजन प्रातः ही बनाए जाते हैं। प्रातः शीघ्र उठकर बहनें स्नान के पश्चात भाइयों को तिलक लगाती हैं तथा उसकी दाहिने कलाई पर राखी बाँधती हैं। इसके पश्चात भाइयों को कुछ मीठा खिलाया जाता है। भाई अपनी बहन को भेंट देता है। बहन अपने भाइयों को राखी बाँधते समय सौ - सौ मनौतियाँ मनाती हैं। ये है आज की बात। …

आईये जनते  कथा और धर्म ग्रंथ में क्या बताया गया है। 

 ब्राह्मण, पुरोहित और यजमान
रक्षा बंधन के दिन देश में कई स्थानों पर ब्राह्मण, पुरोहित भी अपने यजमान की समृद्धि हेतु उन्हें रक्षा बाँधते हैं, जिसकी उन्हें दक्षिणा भी मिलती है। रक्षा बाँधते समय ब्राह्मण यह मंत्र पढ़ता जाता है —

    येन बद्धो बली राजा, दानवेन्द्रो महाबलः।
    तेन त्वां प्रतिबध्नामि, रक्षे! मा चल! मां चल!!

अर्थ- जिस प्रकार के उद्देश्य पूर्ति हेतु दानव - सम्राट महाबली, रक्षा - सूत्र से बाँधा गया था (रक्षा सूत्र के प्रभाव से वह वामन भगवान को अपना सर्वस्व दान करते समय विचलित नहीं हुआ), उसी प्रकार हे रक्षा सूत्र! आज मैं तुम्हें बाँधता हूँ। तू भी अपने उद्देश्य से विचलित न हो, दृढ़ बना रहे।


 पौराणिक कथा
……

भविष्य पुराण में कथा के अनुसार प्राचीन काल में एक बार बारह वर्षों तक देवासुर - संग्राम होता रहा, जिसमें देवताओं की हार हो रही थी। दुःखी और पराजित इन्द्र, गुरु बृहस्पति के पास गए। वहाँ इन्द्र पत्नी शचि भी थीं। इन्द्र की व्यथा जानकर इन्द्राणी ने कहा - 'कल ब्राह्मण शुक्ल पूर्णिमा है। मैं विधानपूर्वक रक्षासूत्र तैयार करूँगी। उसे आप स्वस्तिवाचन पूर्वक ब्राह्मणों से बंधवा लीजिएगा। आप अवश्य ही विजयी होंगे।'
दूसरे दिन इन्द्र ने इन्द्राणी द्वारा बनाए रक्षाविधान का स्वस्तिवाचन पूर्वक बृहस्पति से रक्षाबंधन कराया, जिसके प्रभाव से इन्द्र सहित देवताओं की विजय हुई। तभी से यह 'रक्षाबंधन' पर्व ब्राह्मणों के माध्यम से मनाया जाने लगा। इस दिन बहनें भी भाइयों की कलाई में रक्षासूत्र बाँधती हैं और उनके सुखद जीवन की कामना करती हैं।
 
 राजा बलि की कथा…….

एक अन्य कथानुसार राजा बलि को दिये गये वचनानुसार भगवान विष्णु बैकुण्ठ छोड़कर बलि के राज्य की रक्षा के लिये चले गय। तब देवी लक्ष्मी ने ब्राह्मणी का रूप धर श्रावण पूर्णिमा के दिन राजा बलि की कलाई पर पवित्र धागा बाँधा और उसके लिए मंगलकामना की। इससे प्रभावित हो बलि ने देवी को अपनी बहन मानते हुए उसकी रक्षा की कसम खायी। तत्पश्चात देवी लक्ष्मी अपने असली रूप में प्रकट हो गयीं और उनके कहने से बलि ने भगवान विष्णु से बैकुण्ठ वापस लौटने की विनती की।
 




आधुनिक तकनीक और राखी……………

आज के आधुनिक तकनीकी युग एवं सूचना संप्रेषण युग का प्रभाव राखी जैसे त्योहार पर भी पड़ा है। कई सारे भारतीय आजकल विदेश में रहते हैं एव उनके परिवार वाले (भाई एवं बहन) अभी भी भारत या अन्य देशों में हैं। इंटरनेट के आने के बाद कई सारी ई-कॉमर्स साइट खुल गई हैं जो ऑनलाइन आर्डर मंजूर करती हैं एवं राखी दिये गये पते पर पहुँचा दी जाती है। इसके अतिरिक्‍त भारत में राखी के अवसर पर इस पर्व से संबंधित एनीमेटेड सीडी भी आई है, जिसमें एक बहन द्वारा भाई को टीका करने व राखी बाँधने का चलचित्र है। यह सीडी राखी के अवसर पर अनेक बहनों ने दूर रहने वाले अपने भाइयों को भेजी।

  



Sunday, August 18, 2013

" जैविक खेती की नयी विधि। "

" जैविक खेती की नयी विधि। "
मानव कल्याणकरी फफूंद

१. मेटारैजियम फफूंद - जमीनि फफूंद है ये जमीन  के अन्दर में होने वाले किट 
जैसे उदय  सफ़ेद आदि को मिटाता है.
इस के लिए आपको १किलो पाउडर मेटारैजियम फफूंद +५०किलो गोबर के खाद में मिला दे  
और छायादार पेड़ के निचे रखे और १ एकार खेत में डाल दे या बिकराव करे.

२. बवेरिया फफूंद - ये फफूंद जमीन के ऊपर होने वाले किट को मिटाता है इस के लिए शाम को इस का छिडकाव करना है बवेरिया का एक किलो पाउडर और ५०० लीटर पानी में मिला दे ये पुरे एक  हेक्टर एरिया में कर सकते है यदि किट का प्रभाव जादा है तो १५ दिन में दोबारा छिडकाव कर सकते है 

३. वर्टिसिलियमलाकेनी - (varticiliumlekani)  ये एक प्रभावी फफूंद है मोईला और छोटे किट आदि को मिटाता है ये मोईला के ऊपर से फ्रीज़ कर देगा  इस के लिए आपको १ किलो वर्टिसिलियमलाकेनी +  ५०० लीटर पानी में मिलाकर एक एकर (एकार्ड ) जमीन में छिडकाव करे.

४. ट्रायकोडर्मा फफूंद - इस की दो प्रजातीय है अब दोनों प्रजातीय मिलकर आती है और इस का प्रयोग में जड़ गलन रोंगों में बहुत अच्छा है इस के लिए आपको  १०० किलो गोबर +२. ५ किलो (डैकिलो ) मिलकर हल्का पानी का प्रयोग करे ताकि ट्रायकोडर्मा फफूंद  अच्छी तरह  जाय और उसे जमीन में डाल दे और ट्रायकोडर्मा से बीज का उपचार भी किया जाता है ८ से १० ग्राम ट्रायकोडर्मा बीज में मिलकर बुवाई करे। 

 ५. बेसिलोम्य्सिस लिलेसिनेस फफूंद - ये पाउडर को ले आये और १ किलो को १ एकार्ड में  बुवाई से पहले जमीन में मिला दे  ये जड़ घाट रोग में काम आता है 

 ६.एनटमोक्स्थोरा फफूंद -  जैसे की चिद्दा है पढ्का है जो मार्कर के शारीर को कई हिस्सों में बाट देती है ऐसे 
 समय पर आप एनटमोक्स्थोरा फफूंद का छिडकाव  करेंगे तो पढ्का या चिद्दा इस से मुक्ति होगी।

Saturday, August 17, 2013

Think that we are in Good Hand


 सफल स्वस्थ और सुमधुर जीवन का पहला और आखिरी मंत्र है: सकारात्मक सोच। यह अकेला ऐसा मंत्र है, जिससे न केवल व्यक्ति और समाज की, वरन् समग्र विश्व की समस्याओं को सुलझाया जा सकता है। यह सर्व कल्याणकारी मंत्र है। मेरी शान्ति, सन्तुष्टि, तृप्ति और प्रगति का अगर कोई प्रथम पहलू है, तो वह सकारात्मक सोच ही है। सकारात्मक सोच ही मनुष्य का पहला धर्म  है  और यही उसकी आराधना का बीज मंत्र है। 
आपको एक सकारात्मक सोच बता रहे है
सदा ये सोचो की में ईश्वर के हाथो में बहुत सेफ और सुरक्षित हु 
मेरी पालना स्वम ईश्वर कर रहा है 
इस लिए मुझे चिंता करने की दरकार नहीं।
बस ईश्वर के बताये मार्ग पर निश्चिन्त होकर चलते रहो 
जो होगा अच्छा ही होगा।


Thursday, August 15, 2013

HAPPY INDEPENDENCE DAY








" 90 वर्षों के लम्बे संघर्ष के बाद 15 अगस्त 1947 को 'भारत को स्वतंत्रता' का वरदान मिला। भारत की आज़ादी का संग्राम बल से नहीं वरन सत्‍य और अहिंसा के सिद्धांत के आधार पर विजित किया गया। इतिहास में स्‍वतंत्रता के संघर्ष का एक अनोखा और अनूठा अभियान था जिसे विश्व भर में प्रशंसा मिली।"
                                                             


. एक बार फिर हम सब को सत्य और अहिंसा के रस्ते पर चलकर भारत का सम्पूर्ण विकास की नए रामराज्य की तयारी करनी होगी तो आयो साथ मिलकर हम आज ये प्रतिज्ञा करे की भारत को भ्रस्टाचार मुक्त बनाये 

" जय हिन्द जय भारत "











Wednesday, August 14, 2013

"मेरा भारत महान है"



भारत एक समृद्ध सांस्‍कृतिक विरासत वाला देश है और यह दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। यहाँ के नागरिक देश को और अधिक ऊंचाइयों तक ले जाने की वचनबद्धता रखते हैं जहां तक इसके संस्‍थापकों ने इसे पहुंचाने की कल्‍पना की। जैसे ही आसमान में तिरंगा लहराता है, प्रत्‍येक नागरिक देश की शान को बढ़ाने के लिए कठिन परिश्रम करने का वचन देता है और भारत को एक ऐसा राष्‍ट्र बनाने का लक्ष्‍य पूरा करने का प्रण लेता है जो मानवीय मूल्‍यों के लिए सदैव अटल है।

स्कूलों और संस्थाओं द्वारा प्रात: ही प्रभातफेरी निकाली जाती हैं जिनमें बच्चे, युवक और बूढ़े देशभक्ति के गाने गाते हैं और उन वीरों की याद में नुक्क्ड़ नाटक और प्रशस्ति गान करते हैं। 
स्‍वतंत्रता दिवस का एक और प्रतीक पतंग उड़ाने का खेल है। आकाश में ढेर सारी पतंगें दिखाई देती हैं जो लोग अपनी अपनी छतों से उड़ा कर भारत की स्‍वतंत्रता का समारोह मनाते हैं। अलग अलग प्रकार, आकार और रंगों की पतंगों तथा तिरंगे बाज़ार में उपलब्‍ध हैं। इस दिन पतंग उड़ाकर अपने संघर्ष के कौशलों का प्रदर्शन किया जाता है।.… 

"मेरा भारत महान है आज हम बड़े दिल से कहते है पर क्या हम आज ६६ सालो के बाद भी 
उन महान बलिदानों का उन वीरोका आजाद भारत बना पाए ? …. अगर नहीं तो मेरा एक और सवाल है फिर कब हम करेंगे। . अब मुझे लगता है उस पवित्र रामराज्य वाला भारत बनाने के लिए हम सब को एक बार फिर से बलिदान अपना देना होगा और इस के लिए अंग्रेजो की गोली से नहीं परंतु अपने अन्दर के बुराईयों को खुद ही खुदी से मिटाना होगा और ऐसा होगा तो हम सब अपने इसी भारत को रामराज्य में तब्दील होते देखेंगे।"


 

Monday, August 12, 2013

" सफल जीवन के लिए प्रेरणा "



सफल जीवन के लिए एक प्रेरक - सूत्र है - "छोटो को देखकर जिओ, बड़ो को देखकर बढ़ो ,
अच्छे के लिए प्रयास करो और बुरे के लिए तैयार रहो  .
तुम्हारे पास स्कूटर है तो अपनी नज़र छोटी साइकिल साइकिल पर रखना,बड़ी कार पर नहीं, 
बस तुम सुखी रहेंगे 
बड़ो से आगे बढाने की प्रेरणा लेना, क्यू की दुनिया में जो महापुरुष है 
वे केवल पूजने के लिए नहीं है 
 प्रेरणा लेने के लिए भी है.
अच्छे के लिए प्रयास करना, क्यू की प्रयास कभी व्यर्थ नहीं जाता है 
और बुरे के लिए तैयार रहना, क्यू की बेट कभी भी मुँह मोड़ सकता है 
और दोस्त कभी भी  साथ छोड़ सकता है।