Saturday, April 6, 2013

श्री सोनाणा खेतलाजी साइकिल यात्रा

 श्री सोनाणा खेतलाजी साइकिल यात्रा -२ 




 कोयम्बतूर ,चैन्नई ,होसुर  से बंगलूर होते हुवे सोनाणा खेतलाजी साइकिल यात्रा आज आबू रोड आई है और  माउंट आबू  के लिए रावण हो चुकी है इसी मध्य हमारी (रेडियो मधुबन ) उन से मुलाकात हुई जब हमने देखा की ६0  से ७0 युवा इस साइकिल यात्रा में है और बड़े आराम से भाजन करते हुवा साइकिल के साथ माउंट आबू चलते हुवे जा रहे है ये है समुह या एकता  की शक्ति ..तब हमने उन युवावो से बातचीत की आपको साइकिल चलते समय कोई तकलीफ नहीं होती है पूरा दिन और वो भी १६  से १ ८  दिन हो गए है और आगे भी जाना है तो उन युवा का येही जब था कोई तकलीफ नहीं होती भक्ति की शक्ति है और संग के साथ है 
एकता और शांति का सन्देश लिए ये युवा आगे आगे चल रहे थे माउंट आबू के लिए ...
 १-दिनेश कोयम्बतूर से साइकिल चलकर आये है और उन्हें कोई तकलीफ नहीं हुवा रास्ते में रात में वे मंदिर में रुखते थे और फिर सुबह आगे के लिए निखलते  ...
२ -प्रकाश सूरत से आया है साइकिल पर और उनके साथ और भी १० युवा है जो सूरत से ही आये है साइकिल चलाकर  ..
३ -लक्ष्मन जी  अमहदाबाद से १८  दिन से ओ साइकिल यात्रा कर रहे है उनको अच्छा लग रहा है रास्ते में  कुछ तकलीफ नहीं हुआ सब शांति से चल रहा है 
४-सलारामजी आहोर से भक्त जानों को युवावो को उमंग देने आये माउंट आबू .और आगे जब यात्रा का लक्ष के बारे में पुच्छा तो बताया की यात्रा का मुक्य लक्ष येही है की आप  किसी भी तरह से आप अपने कुलदेव के पास जाना और शांति और एकता का सन्देश जग में लावो ....२०१२ में हम भी साइकिल यात्रा किया है ये भी बताया 
५ .जितुभाई जो मुक्य युवावो के साथ यात्रा की देख रेख करते है उन्हों ने भी अपने अनुभव बताया की खेतलाजी  का दर्शन से बहुत सुख मिलता है शांति का अनुभव होता है और मनोकामना पूरा होता है एक शक्ति मिलती है  साइकिल यात्रा का लक्ष शांति और एकता और साद भावना को जगाना है .......
आज भी संसर में भक्ति भव लोगो में है आप सोचो चैन्नई से खेतलाजी तक साइकिल यात्रा पूरा एक महिना 
तक अपने कुलदेव का दर्शन करने ७० से ७५ युवा और भक्तजन जिसका जैसा समता हो वो अलग से अपने समय अनुसार जुड़ते गये…. और १० अप्रैल २०१३ तक खेतलाजी का दर्शन करना ..इस में टीम वर्क है सहयोग की भावना एक दुसरे राज्य के युवा आपस में मिलेंगे और एक यादगार पल अपने जीवन का बनायेंगे .इस यात्रा को देख मुझे बहुत ख़ुशी हुई और ये समाचार पढ़ कर आपको भी ख़ुशी होगी इसी आशा के साथ को भी बहुत बहुत सुभ कामनाये रेडियो मधुबन की ओर से. धन्यवाद .

                                                                                                  आपका 
                                                                                           रेडियो मधुबन

Thursday, April 4, 2013

शीतलाष्टमी

 शीतलाष्टमी
                                                                              

होली की सप्ताह समाप्ती को राजस्थान में बड़े ही धूम दम से मनाया जाता है और इस का आनंद एक मेले के
साथ मानते है जिस में सभी पुरुष और महिलाये भाग लेती है और इस का आनंद अपने आप में अलग होता है
जिस का नाम है शीतलाष्टमी और भी भारत के अनेख राज्य में उत्सव तो मनाया जाता है पर सब का अपना अपना आनंद है और इस का आनंद लेने के लिए हम रेडियो मधुबन की  ओर से सतपुर गए आब़ू रोड के पास जहा परमपरा से इस उत्सव को मनाया जाता है शीतला देवी के मंदिर के पास बहुत ही सुंदर मेले का अयोजन
किया गया था सत्नीय लोगो की ओर से शाम को बड़ा ही रंग भर जाता है क्यू की शाम के समय आबू  रोड  के अस पास के सभी लोग वह आते है और पूजा करते है और एक से दो घंटे तक गेर चलता है गेर ये गुजरात का गरबा जैसा ही होता है लेकिन जैसे गरबा में (छोटे लकड़ी ) धन्दिया का उपयोग करते है वैसे ही गेर में बड़े लकडियो का प्रयोग किया जाता है और इस गेर में पुरुष ही खेलते है महिलाये नहीं खेलती ..और पुरुष ही महिलावो  के अलग अलग  वेशभूषा पहनकर खेलते है .. और जैसा अप गरबा देख कर खो जाते हो वैसे ही गेर को देख कर खो जाते है  एक दो घंटे कैसे बीत जायेंगे कुछ पता ही नहीं चलेगा बस मंत्र मुग्ध हो जाते है गेर खेलते खेलते खेलनेवाले और देखने वाले .....
और लोगो का आना जाना लगा रहता है और मंदिर के पास ही गेर खेलते है और वाही पास में सब को शरबत
भी सत्नीय लोगो द्वारा सभी यात्रियों को पिलाया जाता है ..जिस में हलकी मात्रा में बांग मिलाया होता है
लोग इस मेले में पुरे परिवार के साथ आते है और बहुत ख़ुशी से इस मेल का आनंद उठाते है
अंत में इस आयोजन का मकसद क्या है ये पूछ ने पर पता चला की ....
इस मेले का मक्सद येही होता है की होली के उत्सव के साथ सब लोग एक साथ मिलजुलकर रहे अपास के भेद भव मिटाकर सब प्यार से रहे….  ऐसा M.l.A जगसीराम कोली ने कहा . जो इस मेले के विशेष अतिथी के रूप में वह आये हुवे थे .



"हम इतने स्वीट नहीं की डाबिटिएस हो जय 
 न इतने नमकीन की बी .पी बढ जय 
न इतना टेस्टी की मज़ा आ जय 
पर इतने कड़वे भी नहीं की याद न आये "

Wednesday, April 3, 2013

Dil se Dilaram ko Yaad Karo to duvaye milti rahengi

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शीतलाष्टमी

                 

                    शीतलाष्टमी          

 

 

  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • चैत्र कृष्ण पक्ष की अष्टमी पर शीतला को माता माई 
  • (चेचक की देवी) कहा जाता है।
  • शीतला पूजा की जाती है।
  • रात-दिन आठ घृत दीपों से पूजा तथा गाय के दूध एवं उशीर (एक प्रकार की सुगन्धित जड़, खस) से सुगन्धित जल छिड़कना, गदहा, झाड़ु एवं सूप का पृथक-पृथक दान दिया जाता है।
  • गदहा शीतला का वाहन है।
  • शीतला देवी को इस तरह  दर्शायी गयी हैं, उनके हाथ में झाड़ु एवं घट तथा सिर पर सूप रहता है।

नोट ----- (गदहा का वाहन  इस का ये अर्थ है की अगर आप समझदार है तो किसीका
                                         भी सहारा लेकर अपने लक्ष की ओर बढ  सकते हो ......... )

Tuesday, April 2, 2013

क्रोध का रूप


 















क्रोध का रूप 


क्रोध का अपना पूरा खानदान है क्रोध का परिवार बहुत अरूप है वो दिखाई नहीं देता पर सब  मालूम हो 
जाता है इस के लिए समझ चाहिए ...  अब देखिये ...
क्रोध की एक लाड़ली बहन है- जिद ..वह हमेशा क्रोध के साथ-साथ रहती है .
क्रोध की पत्नी है -हिंसा ..वह छिपी रहती है 
लेकिन कभी -कभी आवाज़ सुनकर के बाहर आ जाती है 
क्रोध के बड़े भाई का नाम है - अहंकार और ..
क्रोध का बाप भी है , जिससे वह डरता है उसका नाम है - भय 
निंदा और चुगली क्रोध की बेटियाँ है .....
एक मुह के पास रहेगी तो दूसरी कान के पास और 
वैर बेटा है  .. ईर्ष्य इस खानदान की नकचढ़ी बहु है ...
इस परिवार में पोता है घृणा .... 
 घृणा हमेशा नाक  के पास रहती है नाक - भो सिकोड़ना काम है इसका 

  और अपेक्षा क्रोध की माँ है…

Monday, April 1, 2013

पसीना बहाना सीखिए

पसीना बहाना  सीखिए 

पसीना बहाना  सीखिए
बिना पसीना बहाए जो हासिल होता है , वह पाप की कमाई है 
मेहनत बिगर  मत खाइए वो  पाप की कमाई है 
क्यू की इस में पसीना नहीं बहाना पड़ता  लेकिन 
हम बड़े चतुर लोग है , आज हमने प्याज खाना तो छोड़ दिया लेकिन ब्याज खाना जरी है 
ऐसे पैसे कोई काम का नहीं है 
पसीने की रोटी खाइए पाप की कमाई से आप 
पत्नी को सोने का कंगन तो पहना सकते है 
मगर यह भी संभव है कि इसके लिए आपको लोहे 
की हथकड़िय पहननी पड़ जाए .
इस लिए एक बार विचार कर अपने को टटोलिये और 
देखिये कही कुछ गड़बड़  तो नहीं  है 
थोडा पसीना जरुर बहाइए 
मन और तन को सुकुन मिलेंगा .. 

Sunday, March 31, 2013

" सर्वा सिक्षा अभियान सिरोही "

३० मार्च २०१३ सर्वा सिक्षा अभियान सिरोही के अंतर्गत ज़िल्ला के पाँचो ब्लॉक के महिला अध्यापिका का एक विशेष कार्यक्रम
का आयोजन किया गया शांतिवान के परिसर मे रेडियो मधुबन के सहयोग से सुबह ११ बजे से शाम ४.३० तक ये कार्यक्रम
हुवा मंच का सुरुवत सवगत सत्कार और सरस्वती वंदना से किया गया.
 बालिका शिक्षा को बढ़ाव के लिया इस मंच का आयोजन किया गया  मंच का सुरुवत सवगत सत्कार और सरस्वती वंदना से किया गया
 जिस मे राजयोगिनी सीलू दीदी के द्वारा नारी सशक्तिकारण पर ज़ोर दिया गया और बी. के. भोपालभाईजी के द्वारा संस्थान का परिचय दिया गया . और मंच पर विशेष ज़िला सिरोही के अधिकारी सैयद अली सैयद ज़िल्ला परियोजना अधिकारी कांतिला कात्री और पूनम सिंगजी, बुरारामजी, क्रांति रात्ोड़,पूर्णिमा पटेल, मानरम कोली,कमलेश ओझा के साथ २०० महिला अध्यापिकावो ने हिस्सा लिया और सभी ने अपने अपने समता अनुसार कार्यक्रम मे भाग लिया और बालिका सिक्षा पर ज़ोर दिया जिस का रेकॉर्डिंग भी किया गया रेडियो मधुबन की और से विशेष प्रसारण के लिए और इन सब के बीच रेडियो मधुबन का विशेष भूमिका रहा आबू रोड और पिंडवाडा ब्लॉक के लिए रेडियो के द्वारा विशेष कार्यक्रम बच्चो के लिए प्रसारण किया जाएगा जिसका इस मंच के द्वारा ही बताया गया और इसकी सिकृति के लिए रेडियो मधुबन द्वारा पत्र भी सर्वा सिक्षा अभियान को दिया गया और महिला अध्यापिका पाँचो ब्लॉक की अपनी अपनी साल भर के कार्यक्रम का विशेष उल्लेक मंच के द्वारा किया और अंत मे सभी अधिकारी भी अपना विचार व्यक्त किए ...

कांतिलाल कात्री - परियोजना अधिकारी सिरोही ने कहा की रेडियो मधुबन के सहयोग के बिना ये कार्यक्रम संभव नही होता इस लिए मे रेडियो मधुबन के टीम को बहुत धन्यवाद करता हू और जैसे उन्होने रेडियो पर बच्चो के लिए कार्यक्रम प्रसरण करते है ये एक नया और आधुनिक कदम होगा जिस से अध्यापक और बच्चो को बहुत लाभ मिलेगा और एक सकरात्मक बदलाव आएगा.

सैयद अली सैयद - ज़िला सिरोही के अधिकारी ने कहा ये बहुत ही अच्छा मंच है जहा पाँच ब्लॉक की महिला अध्यापिका एक साथ मिलकर कार्यशाला कर रही है एक दूसरे से मिलने से अनुभव बढ़ता है और नया नया सिख भी मिलता है और मुझे आशा है की आप लोग यहा से जाने के बाद बालिकावो को सिक्षा से जोड़ने का कार्य तो करेंगे ही और ये भी देखेंगे की जो बालिकाए अभी पढ़ रही है वो आगे भी पढ़े .........

क्रांति रात्ोड़ - अध्यापिका सहयोजिका आबू रोड मुँगतला - अंत मे कहा की अध्यापीकाओ को आज़ाद मंच चाहिए जिस मे वो अपनी बात को रख सखे और अपने बाल पर नया करके दिखा सखे ...... और साथ मे कार्यक्रम के आयोजन के लिए कहा  राज्य मे इस तरह का कार्यक्रम और आयोजन पहली बार इतना अछा विशेष भोजन के साथ और विधि पूर्वक हुवा थॅंक्स रेडियो मधुबन को.

इस कार्यशाला का अंत गीत के द्वारा किया गया सब के चहरे पर एक खुशी थी.