Tuesday, May 24, 2016

हिंसा रहित हम सब दीपावली मनाएंगे।

हम सब के घरों में खुशहाली लाएँगे। 
पटाखा त्याग कर पर्यावरण बचाएंगे। 
मांगलिक शुभ बेला में नई रोशनी लाएंगे। 
हिंसा रहित हम सब दीपावली मनाएंगे। 

जीवों की हत्या रोक, अहिंसा का मार्ग अपनाएंगे। 
आतिशबाजी बंद कर जन धन को बचाएंगे। 
बर्बादी से बच कर जीवन में सुंदरता लाएंगे। 
हिंसा रहित हम सब दीपावली मनाएंगे।


हम सब के घरों में खुशहाली लाएँगे। 
पटाखा त्याग कर पर्यावरण बचाएंगे।
हिंसा रहित हम सब दीपावली मनाएंगे।
हिंसा रहित हम सब दीपावली मनाएंगे।

साम्प्रदयिक सदभावना की प्रेम धारा बहाओ रे।

मानवता अपनाओ रे, सब को गले लगाओ रे। 
अनेकता में एकता की, सदभावना जगाओ रे। 
भारत माता की रक्षा वास्ते, हँसते, हँसते प्राण चढ़ाओ रे। 
साम्प्रदयिक सदभावना की प्रेम धारा बहाओ रे। 

वन्दे-मातरम गाओ रे, भारत का सम्मान बढ़ाओ रे। 
गरीबी, महंगाई, बेकारी हटे, ऐसा विकास दिखलाओ रे। 
देश भक्तों के बलिदानों को, कहीं भूल नहीं जाओ रे। 
साम्प्रदयिक सदभावना की प्रेम धारा बहाओ रे। 

हिंदुस्तान के हम है, हिंदुस्तान हमारा है। 
इसकी आन न जाने पाये, यह संकल्प हमारा है। 
हमारे मन्दिर हमारे मस्जिद, गिरिजा और गुरूद्वार है। 
हम सब भारतवासी, इसमें सच्चा भाईचारा है। 
साम्प्रदयिक सदभावना की प्रेम धारा बहाओ रे। 
साम्प्रदयिक सदभावना की प्रेम धारा बहाओ रे।

Saturday, May 21, 2016

पानी से नहीं खेलें होली ...

पानी से नहीं खेलें होली 

मन में आपस में न रखें मलाल। 
हम प्रेम से खेलें रंग गुलाल। 
यह पर्व है ऐसा हम सब गले मिले। 
सब में आपस में स्नेह की ज्योति जले। 

 सदभावना से खेलें होली। 
 पानी से नहीं खेले होली। 

फाल्गुन महीना सब से निराला है। 
भ्रस्टाचारियो का बोलबाला है। 
पानी बचेगा भविष्य अच्छा रहेगा। 
अपना स्वास्थ्य सदा निरोगी रहेगा। 

 भारत की जनता है भोली।
 पानी से नहीं खेले होली।

जल अनमोल रे .......

जल अनमोल रे 

 

पानी बिना आदमी कभी जी नहीं सकता। 
बिना जल आदमी प्रगति भविष्य में कर नहीं सकता। 
पानी बिना यह संसार आगे बढ़ नहीं सकता। 
बिना जल मकान बाजार कभी बन नहीं सकता। 
जल ही जीवन है, सदा हम सबका यह खेल रे। 
जल अनमोल रे, भैय्या जल अनमोल रे। 

जीवन में जल अमृत है सुदपयोगकीजिए। 
आवश्यकता अनुसार ही जल काम में लीजिए। 
अनेक जगह पाइपों में बर्बाद जल हो रहा है। 
जल की मूल्य समझो बहता पानी कह रहा है। 
जल  जीवन का प्राण है, इसे यु ही मत ढोल रे। 
जल अनमोल रे, भैय्या जल अनमोल रे। 

जल है यो कल है बाकी कोरे नल है
जल है तो बल है नहीं तो सब निर्बल है। 
"जल बचाओ" इसको सब साकार कराओ रे। 
प्याऊ और पौ, अन्य जल भरा पुण्य कमाओ रे। 
पानी धरा पर कम हो गया अब तो समझो मोल रे। 
जल अनमोल रे, भैय्या जल अनमोल रे।

जल के लिए सब आपस में ही लड़ रहे है। 
समझदार होतो हुए भी सब यों ही अड़ रहे है। 
जल के समाधान की कोई योजना बनाओ रे। 
ख़राब टूयूबवैल हैंडपंप इनको सही कराओ रे। 
जन प्रतिनिदियो व प्रशासन की खुल गई पोल रे। 
जल अनमोल रे, भैय्या जल अनमोल रे।



Fathers Day (Happy Father Day)

 
 

पिता परिवार का सदा ही सहारा है ,
जीवन सरिता की निर्मल धारा है। 
पिता परिवार का सदा ही अनुशासन है ,
पिता पालन-पोषण प्रेम का अनुशासन है। 

पिता रोटी, कपड़ा और मकान है,
अपने परिवार की अनोखी शान है। 
पिता सुरक्षा है उनकी, जिनके सर पर हाथ है,
पिता न हो तो सबका बचपन अनाथ है।

घर का आकाश है पिता, घर का चिराग है, 
पिता से ही माँ की बिंदी और अटल सुहाग है। 
पिता से ही परिवार में प्रतिपल अनुराग है,
पिता से ही परिवार, एक खुशनुमा सा बाग है। 

दुनिया में किसी देवता का स्थान दूजा है, 
माँ-बाप की सेवा ही सब से बड़ी पूजा है। 
माँ-बाप के आशीर्वाद के हज़ारों हाथ है,
वो भाग्शाली है माँ-बाप के जो साथ है। 




Monday, May 16, 2016

नव वर्ष के नव प्रभात पर.....


नव वर्ष के नव प्रभात पर,
एक नया प्रकाश आया है। 
हिंदुस्तान के निवासियों को,
यह नवीन संदेश लाया है। 

जगमगाती हमेशा ज्योत रहे,
नववर्ष सदा खुशहाल रहे। 
आतंकवादियों को कर समाप्त,
भारत वर्ष हमेशा आबाद रहे। 

भारत वर्ष से भ्रष्टाचार हटाकर,
ईमान की मिसाल कायम होगी। 
महँगाई पर लगा अंकुश,
जनता में कुछ राहत होगी। 

भारत वर्ष सदा प्रगति करे,
काका भारतीय की मंगल कामना है। 
नववर्ष का करें स्वागत,
यह मेरी हार्दिक मन-भावना है। 

@@@@@ॐ @@@@@

Vande Mataram....

वन्दे मातमतरम , गईये 
भारत का मान बढाइये 
सम्प्रदायिक का सदभावना की,
प्रेम की धारा बहाइये। 

दानवता को दूर भाग।कर,
मानवता अपनाइये। 
आतंकी विस्फोट विरोध में,
सभी एक हो जाइये। 

सम्प्रदायिकता के जहर से 
हमे सदा ही बचना है। 
सदा रहे सभी प्रेम से,
सच्चा भारत बनाना है। 

हिंदुस्तान में अमन चैन रहे,
यह सब को संकल्प लेना है 
आतंककारी गतिविधियों को,
जड़ से सदा हटाना है।