1–आप खुद में खुशी है अलग बात है।
आपसे सब खुशी है अलग बात है।
जिंदगी कुछ समय के लिए है मिली।
आप हर पल खुशी है अलग बात है।
2–ये खुशी जिंदगी में झलकती भी है।
ये खुशी आंसुओं से छलकती भी है।
हाथ में गर तेरे हाथ उनका रहे।
जिंदगी जीने की फिर अलग बात है।
आप खुद में खुशी अलग बात है।
3– जिंदगी में खुशी प्रेम से है मिली।
प्रेम करके निभाना अलग बात है।
प्रेम तो अब खिलौना सा लगने लगा।
प्रेम में डूब जाना अलग बात है।
आप खुद में खुशी है अलग बात है।
4–ये खुशी एक सुंदर सहेली भी है।
ये खुशी जिंदगी की पहेली भी है।
जिंदगी में अगर साथ उनका मिले।
तू जिसे चाहता हाथ उनका मिले।
जिंदगी जीने की फिर अलग बात है।
आप खुद में खुशी है अलग बात है।
5–आपकी जब खुशी के वो पल आयेंगे।
आप मन ही यूं मन में ही मुस्कायेगे।
आपसे कोई बातें करें ना करें।
आपकी उस खुशी की अलग बात है।
आप खुद में खुशी है अलग बात है।
6–आप अपने को फुर्सत से देखा करो।
अपने कर्मों की रेखा को देखा करो।
दूसरे पर नजर तो चली जाती है।
ये नजर खुद को देख अलग बात है।
आप खुद में खुशी है अलग बात है।
आपसे सब खुशी है अलग बात है।
जिंदगी कुछ समय के लिए है मिली।
आप हर पल खुशी हैअलग बात है।
ओम शांति*
रचनाकार *–सुरेश चंद्र केशरवानी*
(प्रयागराज शंकरगढ़)
मोबाइल नंबर –9919245170