भले लड़ना झगड़ना पर
कभी अपने देखा है बच्चे को गॊर से उनकी एक आदत है वो आपस में लड़ते झगड़ते और कभी पीट जाते है लेकिन वो जल्दी मिल जाते है भूल जाते है और साथ में मिलकर आपस में खेलते रहते है
बड़ो में भी ये बाते होती है पर बच्चो में और बड़ो में अंतर है बच्चे भूल जाते है और बड़े याद रखते है और याद रखने से वैर बनता है और वैर से दुसमनी बढती है और दूरिय बढाती है अगर हम बच्चो से ये बात सिख ले की लड़े झगड़े और हो सके तो एक दो को पीट भी दे पर वैर नहीं रक्खे याद रक्खे बस दुसरे ही पल भूल जय
तो बहुत बड़ी हम काम कर जायेंगे गुस्सा तो बच्चे भी करते है पर वो पलते नहीं इस लिए हमे भी गुस्सा आये तो करे पर उसका पालन न हो बस भूल जय और बातचीत करे आपस में अगर अप गुस्सा करके बातचित बंद करते हो तो बहुत नुकशान हो जाता है कुछ भी हो बातचीत करे और गुस्सा को भूल जय मुझे लगता है हम सब जल्दी बड़े तो हो गए लेकिन बच्चा बनाना बकी है कितना अच्छा होग अगर सब बच्चे बन जय मेरा मतलब बच्चो जैसा लदे झगड़े पर बातचीत करे और प्यार से रहे ..........