Monday, December 1, 2025

*शीर्षक – क्या गलत बात है??*


1–चोर को चोर कहना गलत बात है।

शांति में शोर करना गलत बात है।

चार दिन का है मेहमान हर आदमी 

खुद को कमजोर कहना गलत बात है।


2–मित्र से दूर जाना गलत बात है। 

पितृ को भूल जाना गलत बात है।

चित्र हो आपका गोरा या सावला।

चरित्र को भूल जाना गलत बात है।


3–आपसी बैर रखना गलत बात है।

ईर्ष्या द्वेष रखना गलत बात है।

भाई जैसी है कोई अमानत नहीं।

भाई से दूर रहना गलत बात है।


4– यम नियम और संयम से चलते रहो।

जिंदगी जीने का तो यही सार है।

जिंदगी दी है प्रभु ने ये सौगात में।

प्रभु को दिल से बुलाना गलत बात है ।


5–खुद को देखो ना देखो किसी की तरफ।

खुद के जीवन पे अपना ही अधिकार है।

यदि किसी की कमी पर नजर जाती है।

यह नजर का भी जाना गलत बात है।



*ओम शांति** 

रचनाकार *–सुरेश चंद्र केशरवानी* 

(प्रयागराज शंकरगढ़)

मोबाइल नंबर –9919245170

*शीर्षक –अपराध की दुनिया*

 

1–अपराध की दुनिया में रहकर क्या करोगे।

ना जी सकोगे सुकून से ना मर सकोगे।

झूठ की दुनिया अंधेरी रात है। 

सत्यवानी बोलकर भी क्या करोगे।


2– सत्य में ही जीत है सब ने सुना था।

अब सत्य हर पल हारता है क्या करोगे।

झूठ वाला जीत करके हस रहा है।

सत्यवानी बोलकर कर भी क्या करोगे।


3–है बदलती अब समा शमशान है।

आदमी अब सत्य से अनजान है।

झुंठ हावी हो रहा है सत्य पर।

सत्य का दीपक जलाकर क्या करोगे।

अपराध की दुनिया में रहकर क्या करोगे।


4–अब सहन करना ही मेरी जिंदगी है।

जिंदगी में प्यार ही तो बंदगी है।

बंदगी ही जिंदगी की शान है।

नफरतों का बीज बोकर क्या करोगे।

अपराध की दुनिया में रहकर क्या करोगे।


5– सत्यता ही जिंदगी की राह है।

सत्य राही से प्रभु की चाह है।

सत्यता की एक अलग पहचान है।

सत्य से दमन छुड़ाकर क्या करोगे।

झूठ वाला जीत करके हंस रहा है।

सत्य का दीपक जाला कर क्या करोगे।

अपराध की दुनिया में रहकर क्या करोगे।

ना जी सकोगे सुकून से ना मर सकोगे।


*ओम शांति** 

रचनाकार *–सुरेश चंद्र केशरवानी* 

(प्रयागराज शंकरगढ़)

मोबाइल नंबर –9919245170