1–चोर को चोर कहना गलत बात है।
शांति में शोर करना गलत बात है।
चार दिन का है मेहमान हर आदमी
खुद को कमजोर कहना गलत बात है।
2–मित्र से दूर जाना गलत बात है।
पितृ को भूल जाना गलत बात है।
चित्र हो आपका गोरा या सावला।
चरित्र को भूल जाना गलत बात है।
3–आपसी बैर रखना गलत बात है।
ईर्ष्या द्वेष रखना गलत बात है।
भाई जैसी है कोई अमानत नहीं।
भाई से दूर रहना गलत बात है।
4– यम नियम और संयम से चलते रहो।
जिंदगी जीने का तो यही सार है।
जिंदगी दी है प्रभु ने ये सौगात में।
प्रभु को दिल से बुलाना गलत बात है ।
5–खुद को देखो ना देखो किसी की तरफ।
खुद के जीवन पे अपना ही अधिकार है।
यदि किसी की कमी पर नजर जाती है।
यह नजर का भी जाना गलत बात है।
*ओम शांति**
रचनाकार *–सुरेश चंद्र केशरवानी*
(प्रयागराज शंकरगढ़)
मोबाइल नंबर –9919245170